1/9/ · Short Essay on Indira Gandhi in Hindi इंदिरा गांधी पर निबंध श्री मती इंदिरा गांधी जी का जन्म 19 नवम्बर ई: को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। उनके पिता जी पंडित जवाहरलाल नेहरु इंदिरा गांधी को बचपन में भी एक स्थिर पारिवारिक जीवन का अनुभव नहीं मिल पाया था। इसकी वजह यह थी कि में 18 वर्ष की उम्र Estimated Reading Time: 5 mins 6/3/ · Short Essay on Indira Gandhi, इंदिरा गाँधी पर निबंध हिंदी में । इंदिरा गाँधी भारत
Long Essay on Indira Gandhi in Hindi Words इंदिरा गांधी पर निबंध
श्रीमती इंदिरा गाँधी पर निबंध Essay on Indira Gandhi in Hindi! भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर वर्ष को इलाहबाद प्रयागराज में हुआ था इन्हे iron lady लौह महिला के नाम से सम्बोधित किया जाता है यह एक ऐसी विदुषी महिला थी,जो केवल भारती राजनितिक के शिखर पर ही नहीं अपितु विश्व राजनीति में भी अपनी अलग पहचान बनाई इनके पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू थे, जोकि स्वतन्त्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे इन्दिरा गाँधी 3 बार से और चौथी बार मृत्यु तक तक भारत के प्रधानमंत्री रही इंदिरा गाँधी अपने पिता के पग चिन्हों पर को ही अपना आदर्श मान कर चली और अपने पिता के सपने भारत को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का कार्य को पूरा करने में अहम् योगदान दिया.
श्रीमती इन्दिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर वर्ष को एक धनाढ्य धनि परिवार उत्तर प्रदेश के इलहाबाद में हुआ था इनके दादा मोती लाल नेहरू और इनके पिता जवाहर लाल नेहरू वक़ालत से जुड़े हुए थे इन दोनों का भारत की स्वतंत्रता में अहम् योगदान था इनकी माता का नाम कमला नेहरू था.
इनका परवरिश इनकी माता कमला कमला नेहरू की देख रेख हुआ इनकी माता का सुख इनको १८ वर्ष तक ही मिला क्यों की जब यह १८ वर्ष की हुई तो इनकी माता का लम्बे बीमारी के चलते निधन हो गया. इनके पिता स्वतन्त्रा संग्राम से काफी व्यस्त रहते थे जिससे इनको समय कम दे पाते थे लेकिन घर में राजनितिक माहौल होने के कारण इन्दिरा जी का इसका विशेष प्रभाव पड़ा इनके घर आनंद भवन में कांग्रेस पार्टी की अनेक गतिविधियों का केंद्र था. जिससे वहा पर बड़े — बड़े नेताओं का आना जाना लगा रहता था जिनमे महात्मा गाँधीलाल बहादुर शत्श्रीसरोजनी नायडू जी जैसे बड़े नेताओं का आना जाना लगा रहता था जिससे इनके जीवन में राजनितिक गतिविधियों का विशेष प्रभाव पड़ा, essay on indira gandhi in hindi.
महात्मा गांधी जी से यह बहुत ही प्रभावित थी महात्मा गाँधी जी के विचारो से प्रभावित हो कर इन्होने बाल अवस्था में ही बाल चरखा संघ की स्थापना की उस समय इनकी उम्र मात्र 10 से 12 वर्ष ही रही हो गी. यह शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं और अपना विशेष योगदान दिया इन्हे सितम्बर में कांग्रेस पार्टी की मदत और अंग्रेजो का विरोध करने के लिए इन्हे जेल भी जाना पड़ा में गाँधी जी के नेतृत्व ने दिल्ली में दंगा भड़के क्षेत्रो में सहायता का कार्य भी किया.
क्योकि इनके पिता चाहते ते की इंदिरा जी की शादी सजती परिवार में हो इसी का विरोध वह कुछ समय तक करते रहे, फिरोज गुजरात के पारशी समुदाय से ताल्लुक रखते essay on indira gandhi in hindi और इंदिरा जी एक काश्मीरी ब्रह्मण थी. इनका वैवाहिक जीवन कुछ समय के बाद थोड़ा कड़वाहट भरा रहा, जब यह अपने पिता के साथ विदेश दौरे पर गई थी तभी इनके पति फिरोज गाँधी का essay on indira gandhi in hindi 8 सितंबर को हो गया. इनके परिवार में लोग उस समय भी काफी पढ़े लिखें थे, इनके परिवार के लोग शिक्षा महत्व समझते थे इसी लिए इंदु के शिक्षा का विशेष प्रबन्ध किया गया था उस समय भी इनके परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी इंदिरा जी में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद शांतिनिकेतन में रविंद्रनाथ टैगोर जी द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया.
शांतिनिकेतन में शिक्षा पूरी करने के बाद यह लन्दन चली गई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में बैठी परन्तु उसमे वह सफल नहीं हो पाई ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ समय बिताने के पश्चात में पुनः प्रवेश परीक्षा दिया जिसमे वह सफल रही और वहां पर उन्होंने प्रवेश लिया.
इन्होने शांति निकेतन, समरविले कॉलेज ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के आलावा इकोले इंटरनेशनेल,जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल, जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की इन्हे विश्व के प्रमुख संस्थानों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था प्रतिभाशली शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारन कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण दिया गया. इंदिरा गाँधी स्वतन्त्र भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री थी, इनका राजनितिक जीवन बड़ा ही उतार चढ़ाव भरा रहा और इन्होंने भारत की राजनीती में ही नहीं अपितु विश्व essay on indira gandhi in hindi के पटल पर भी अपना लोहा मनवाया था जब लाल बहादुरशास्त्री जी का आकस्मिक निधन हो गया तो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के कामराज ने इंदिरा जी को प्रधान मंत्री बनाने में अहम् योगदान दिया इन्ही के सहयोग से इंदिरा जी को प्रधान मंत्री बनाया गया.
इंदिरा गाँधी का राजनितिक जीवन बड़ा ही संघर्ष पूर्ण भरा रहा, इन्होने अपने राजनितिक जीवन की प्रेरणा अपने पिता जी से मिली थी इनके पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू भारती राजनितिक के प्रमुख स्तम्भ थे इन्होने भारत की स्वतंत्रता में अहम् योगदान दिया इनके राजनितिक जीवन में महत्मा गाँधी जी का भी अहम् योगदान है यह पंडित नेहरू जी के साथ महात्मा गाँधी जी से बहुत प्रभावित थी और उनके आदर्शो पर चलने की कोशिश करती रही बाल्य अवस्था में ही गाँधी जी प्रभावित हो कर इन्होने बाल चरखा संघ की स्थापन कर दी यह संघ कंग्रेसियो की मदत करता और उनसे प्रेरणा लेकर लोगो को जागरूक करता.
इंदिरा जी, essay on indira gandhi in hindi, गाँधी जी से प्रभावित हो कर गाँधी जी के साथ इन्होने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के चलते इन्हे में जेल में भी जाना पड़ा कुछ समय जेल मे बिताने के बाद राष्ट्रीय कांग्रेशियो के विरोध को देख कर अंग्रेजी सरकार को झुकना पड़ा और इंदिरा जेल मुक्त करना पड़ा.
वर्ष में भारत पाकिस्तान युद्ध चल रहा था उस समय इंदिरा जी श्रीनगर सीमा में ही उपस्थित थी और पाकिस्तानी सेना सीमा के काफी निकट थी हलाकि भारती सेना के अधिकारियो ने पाकिस्तानी सेना की इस स्थिति से उन्हें अवगत कर दिया था परन्तु इंदिरा जी इससे तनिक भी विचलित नहीं हुई और उन्होंने वही रुकने का निर्णय लिया और लोकल गवर्मेंट में मिलकर प्रधानमंत्री से विचार विमर्श करके समझौते का रास्ता निकला. तस्कंध में सोबियत संघ के मध्यस्ता में पाकिस्तान के अयूब खान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्ष कर दिया हस्ताक्ष करने के कुछ समय के पाश्च्यात ही लाल बहादुर जी आकस्मिक निधन हो गया.
लाल बहादुर शास्त्री जी के निधन के बाद इंदिरा गाँधी को भारत का प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी द्वारा नियुक्त किया गया. जब इंदिरा गाँधी को कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री बनाया तो कांग्रेस में काफी मतभेद की स्थिति पैदा गई. कांग्रेस पार्टी के लोग दो गुटो मे बट गए ,एक गुट समाजवादी गुट इंदिरा गाँधी जी के नेतृत्व में दूसरा गट मोरारजी essay on indira gandhi in hindi के नेतृत्व में रूढ़िवादी गुट में बट गई मोरार जी देसाई इन्हे गूँगी गुड़िया कहते थे पार्टी के आंतरिक मतभेद के कारण कांग्रेस पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और इसका परिणाम यह रहा की कांग्रेस सीटों में से 6० सीटों का नुकसान सहकर सीटों पर ही सिमट गई.
जिसके कारण उन्हें मोरारजी देसाई को भारत के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में लेना पड़ा। में मोरारजी साथ अनेक विचारो असहमति बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विभाजित हो गयी किसी प्रकार से साम्यवादी दलों से समर्थन पाकर अगले दो वर्षों तक शासन चलाई। इसी वर्ष जुलाई इंदिरा बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया।.
इन्होने में पाकिस्तान को करारी शिकस्त देकर उसको दो टुकड़ो में बाट दिया जिससे बांग्लादेश की उतपत्ति हुई इनकी राजनितिक सूझ भुझ ही थी जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ. इन्होने ने अपने राजनितिक essay on indira gandhi in hindi बुझ से बड़े राष्ट्रों की परवाह न करते हुएअपने कार्यकाल में ही राजस्थान के पोखरण में परमाणु परिक्षण 18 मई, को किया. जिसका परिणाम यह रहा की कई देशो के विरोध का सामना करना पड़ा, परन्तु इनके इरादों को कोई भी डिगा न सका अन्तरिक्ष अनुसन्धान एवं सूचना क्रान्ति की आवश्यकता को देखते हुए 1 अप्रैल, को भारत का प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण हो सका.
इस आपातकाल का परिणाम सामने आया की इनको के चुनाव में बुरा शिकस्त मिला परन्तु इन्होने हर नहीं मानी, इन्होने अपनी राजनितिक दूरदर्शिता के चलते के चुनाव में असाधारण सफलता से 14 जनवरी को पुनः देश की प्रधानमंत्री बनीं. essay on indira gandhi in hindi ऑपरेशन में कहा जाता है की कुछ सिख नागरिको को भी नुकसान हुआ जिससे लोगो के अंदर बड़ा ही असंतोष था. इस ऑपरेशन से छुब्ध हो कर इनके दो शिख अंगरक्षक बेअंतअ सिंह व सतवंत सिंह ने 31 अक्टूबर ई॰ को उन्हें गोलियों से भून दिया बेअंतसिंह को उसी समय गोली मर दिया गया और सतवंत सिंह को गोली मर कर गिरफ़्तार कर लिया गया.
इस प्रकार से हमारे देश का ही नहीं अपितु विश्व की राजनीति का चमकता सितारा सदैव के लिए बादलो की आगोश में समा गया और फिर कभी वापस नहीं दिखाई दिया, essay on indira gandhi in hindi.
इंदिरा जी आज हमारे बिच सशरीर नहीं है परन्तु उनके द्वारा किया गया कार्य और बलिदान हमेशा ही हम लोगो का प्रेरित और मार्गदर्शन करता रहेगा भारत का विश्व गुरु बनाने में अहम् योगदान देता रहेगा. Essay on Indira Gandhi in Hindi के माधयम से हमने उनके प्रारंभिक जीवनessay on indira gandhi in hindi, राजनितिक जीवन और घटनाओ पर प्रकाश डाला है.
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